बहारें हमको ढूँढेंगी न जाने हम कहाँ होंगे
इसी अंदाज़ से झूमेगा मौसम, गाएगी दुनिया
मोहब्बत फ़िर हसीं होगी, नज़ारे फ़िर जवाँ होंगे
न तुम होगे न हम होंगे, न दिल होगा मगर फ़िर भी
हज़ारों मंजिलें होंगी हज़ारों कारवां होंगे
बहारें हमको ढूँढेगी न जाने हम कहाँ होंगे
Thursday, March 25, 2010
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